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Thursday, May 10, 2012

एक ही जादू, दूर दृष्टि, पक्‍का इरादा

मैं
स्‍वार्थों की
आयातित क्रीम से
चेहरे का मैक-अप कर
अपने
कार्यालय की टेबिल के सामने
दीवार पर
देश की प्रधानमंत्री का चित्र
एक ही जादू
कडी मेहनत
दूर दृष्टि
पक्‍का इरादा
अनुशासन
टांक कर
स्‍वयं से अधिक छलता हूँ
आगन्‍तुकों को
और फिर
दिन भर कार्यालय समय की
जुगाली करता हुआ
टेबिल पर पाँव पसार
पढता हूँ
कोई जासूसी उपन्‍यास।

छैला सा

कभी
छैला सा
बन-संवर
गंधायित
तो कभी
उखडा-उखडा
धूलि-धूसरित  सा
उपवन की
गलियों में
भटकता रहता है,
छेडता है
कलियों को, लताओं के
हरित-किशलय
कपोलो की
भरता है
चिकौटियाँ
और
खडक-खडक कर
पत्तियां
कितना
आवारा है
पवन।