मेरे काव्य संग्रह
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Friday, July 13, 2012
पानी से जुड़ें
तुमने
देखा होगा
तूफानी हवा के साथ
उतुंग लहरों का
तटों से टकराना,
सागर को खंगालना,
जैसे
टुकड़े-टुकड़े कर देंगी
सागर को,
पर क्या
पानी से जुड़े
गहरे
अन्तरंग-मन
सागर को
बांट पाई है
ये लहरें
?
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