बदले में लोग क्या
देते हैं?
आग को सिर्फ हवा
देते हैं।
दोस्ती का दम भरते
हैं जो,
बीच सफ़र में दग़ा
देते हैं।
जलती है आज भी
सीताएं,
लोग कैसी दुआ देते
हैं?
खा के बीमार मर जाते
हैं
हकीम कैसी दवा देते
हैं?
आरती के दीप बन जले
हम,
बुत किस जुर्म की
सजा देते हैं?
----
No comments:
Post a Comment