सभी पाठकों का आभार कि आपने अशीर्ष कविताओं को पसन्द किया और सराहा तथा मुझे प्रोत्साहित किया कि इस पर ज्यादा से ज्यादा लिखा जाए। यह संकलन आज पूरा हो गया है। यह संकलन अशीर्ष कविताओं के नाम से था, जिसमें सभी कविताएं बिना शीर्षक की हैं। मेरे द्वारा शीर्षक देकर इन कविताओं को पुन: आपके समक्ष प्रसारित किया गया और 1984 के प्रकाशन के बाद इस संकलन को पुन: जीवित करने का प्रयास मेरे द्वारा किया गया।
कल दिनांक 6 जुलाई, 2012 से दूसरा संकलन ''अनुभूतियों के क्षण'' 1988 में प्रकाशित हुआ था और इस संकलन को पुन: प्रसारित करने का प्रयास किया जाएगा जिसके अन्तर्गत सभी कविताएं मय शीर्षक प्रकाशित हुई हैं।
आशा है कि पूर्व की भांति मेरा उत्साहवर्धन करेंगे और अपने अमूल्य टिप्पणियों से मुझे अवगत कराएंगे।
धन्यवाद।
आपका संजय सिंह जादौन
कल दिनांक 6 जुलाई, 2012 से दूसरा संकलन ''अनुभूतियों के क्षण'' 1988 में प्रकाशित हुआ था और इस संकलन को पुन: प्रसारित करने का प्रयास किया जाएगा जिसके अन्तर्गत सभी कविताएं मय शीर्षक प्रकाशित हुई हैं।
आशा है कि पूर्व की भांति मेरा उत्साहवर्धन करेंगे और अपने अमूल्य टिप्पणियों से मुझे अवगत कराएंगे।
धन्यवाद।
आपका संजय सिंह जादौन
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