मेरे काव्य संग्रह
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Sunday, June 17, 2012
अहम् का हथौड़ा
अहम् का हथौड़ा
तोड़ता है
संयम की सांकल
गरजते हैं
इन्फिरियोरिटी-सुपीरियोरिटी
काम्ल्लेक्स के
बादल
तब, विधवा इच्छाएं
विषमता के गंदले दर्पण में
आंजती है
क्षोभ के कड़ुए तेल का
काजल।
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