खेत
हांकने से पहले
हल के
लोहे को
दहकती आग की भट्टी
लुहारन के हथौड़े की
चोट से गुजरना होता
है
फिर
पानीदार
हल
जमीन जोत पाता है,
खेत में
फसल लहलहाने से पहले
किसान के भीतर
उगता है
बीज/उसका भविष्य
फूलता है, फलता है
पसीना,
अनुभूति
शब्दों के शिकंजे
से मुक्त हो
सन्नाटे के विरुद्ध
नाद की गूंज तोड़
आदमी के स्वप्न
भविष्य के संस्कार गढ़ने को
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